आज हम आपको बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे एक फिल्म निर्माता ने यह कहकर फिल्मी देने से मना कर दिया कि पहले अपनी शक्ल आईने में देखो। हम जिस अभिनेत्री के बारे में बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं बल्कि माला सिन्हा है जो 16 साल की उम्र में आकाशवाणी के कलकत्ता केंद्र पर गाया करते थी।
बॉलीवुड में जब नूतन, नर्गिस और मीना कुमारी जैसी अभिनेत्रियां शिखर पर थी, उसी दौरान उन्होंने अपना बॉलीवुड करियर बनाया। माला सिन्हा हिंदी के अलावा बांग्ला फिल्मों में भी नजर आ चुकी है। माला सिन्हा के फिल्मी करियर के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं। लेकिन हम आपको उनके निजी जीवन के बारे में कुछ बताने जा रहे हैं, जो बहुत ही रोचक है। आइए जानते हैं
बॉलीवुड में सफलता पाने के बाद माला सिन्हा ने शादी कर ली। 16 मार्च 1968 को उन्होंने कलाकार चिदंबर प्रसाद लोहानी से हुयी। इन दोनों की शादी आज भी याद कर ली जाती है, जिसकी वजह शादी में निभाई गई रस्में थी।
माला सिन्हा की पहली शादी लीगल सिविल मैरिज एक्ट के तहत हुई। चिदंबर प्रसाद लोहानी से विवाह करने से पहले उन्होंने यह शर्त रखी थी कि वे शादी करने के बाद फिल्मों में अभिनय जारी रखेंगी।
माला सिन्हा की दूसरी शादी इस कारण हुई क्योंकि माला सिन्हा ईसाई थी। उनके पिता की इच्छा थी कि उनकी शादी चर्च में कोई पादरी कराएं।
माला सिन्हा की तीसरी शादी लोहानी परिवार की संतुष्टि की वजह से हुई, क्योंकि उनके परिवार वालों ने यह शर्त रखी थी कि जब तक बहू सात फेरे नहीं लेगी, उसका गृह प्रवेश नहीं होगा और इस कारण इन दोनों की शादी हिंदू रीति रिवाजों से हुई।
माला सिन्हा की शादी बहुत ही दिलचस्प तरीके से हुई। शायद ही किसी ने ऐसी शादी नहीं की होगी। अगर कोई एक से ज्यादा शादियां करता है तो वह अलग अलग इंसान से करता है।
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