ऑस्कर अवॉर्ड की शुरुआत 1929 में हुई थी। ऑस्कर पाना हर कलाकार का सपना होता है। लेकिन आज हम आपको ऐसे 10 मौकों के बारे में बताने वाले हैं, जब ऑस्कर अवॉर्ड को धोखा कहा गया। आइए जानते हैं
1939 में 'गुडबाय मि. चिप्स' के लिए रोबर्ट जोनेट को बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला था। जबकि सब लोग यही मानकर बैठे हुए थे कि कलार्क गेबल को 'गोन विद द वाइंड' और जिमी स्टेवर्ट को 'मि. स्मिथ गोज टू' के लिए ऑस्कर अवार्ड मिलेगा। इसके बाद 1940 में जिमी स्टेवर्ट को काफी कमजोर रोल के लिए भी ऑस्कर अवॉर्ड मिला, जिसे पिछले साल की गलती को ढकने की कोशिश बताया गया।
1941 में रिलीज हुई फिल्म सिटिजन केन बहुत ही शानदार थी और सबको लग रहा था कि इस फिल्म को कई कैटिगरीज में ऑस्कर अवॉर्ड मिलेंगे। लेकिन फिल्म को स्क्रीनप्ले के लिए अवार्ड मिला।
1953 में रिलीज हुई फिल्म ए स्टार इज बॉर्न के लिए ग्रेस कैली को 1954 में सबसे अहम नाम माना जा रहा था। लेकिन उस समय ग्रेस कैली को अवार्ड नहीं मिला, जिसके बाद ऑस्कर अवॉर्ड को धोखा बताया गया।
1973 में रिलीज हुई फिल्म द गॉडफादर के लिए कोपोला को बेस्ट डायरेक्टर बताया जा रहा था और सबका मानना था कि उनको ऑस्कर अवार्ड मिलेगा। लेकिन उनको ऑस्कर अवार्ड नहीं मिला।
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1981 में सबको उम्मीद थी कि फिल्म राइडर्स ऑफ द लॉस्ट आर्क को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिलेगा। लेकिन इतनी जगह फिल्म चेरियट ऑफ फायर को अवार्ड मिला। 1993 में 4 लोगों का नाम बेस्ट स्पोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेट हुआ था और मारिसा को सबसे कमजोर माना जा रहा था। लेकिन मारिसा को ही बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड मिल गया।
1996 में ब्रेवहार्ट को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला, जबकि सबको उम्मीद थी कि फिल्म अपोलो 13 को यह अवार्ड मिलेगा।
1999 में 'सेविंग प्राइवेट रियान' की जगह 'शेक्सपियर इन लव' को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला, जिससे सब लोग काफी हैरान रह गए।
2002 में फिल्म द पियानिस्ट के लिए एड्रीन ब्रॉडी को बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला, जो काफी चौंकाने वाला था। इसके बाद 2004 में भी 'क्रैश' को बेस्ट फिल्म चुना गया।
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