कादर खान का कनाडा में 81 साल की उम्र में निधन हो गया। कादर खान बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन दिग्गज अभिनेता और संवाद लेखक थे। निधन से पहले करीब 2 साल से वे बिस्तर पकड़ चुके थे। हालांकि बीमारी से पहले ही कादर खान हज यात्रा कर चुके थे। कादर खान के बेटे सरफराज ने बताया की उनके पिता ने कनाडा के स्थानीय समय के अनुसार शाम 6 बजे आखिरी सांस ली। निधन से पहले वे दोपहर में कोमा में चले गए थे। कादर खान पिछले 4 महीनों से हॉस्पिटल में ही थे। बॉलीवुड में कादर खान के योगदान हमेशा याद किया जाएगा। कादर खान के निधन पर हम उनकी कुछ रेयर तस्वीरें दिखाने जा रहे है।
देखिए कादर खान की कुछ रेयर तस्वीरें।
कादर साल 2014 में गए थे हज पर
कादर खान को साल 2014 में उनके दोनों बेटों सरफराज और शाहनवाज ने हज यात्रा करवाई थी। हज यात्रा के समय कादर 78 साल के थे। और दोनों बेटों ने उन्हें व्हीलचेयर पर हज यात्रा कराई थी। कादर साहब हज यात्रा के दौरान काबा को देखकर काफी हैरान हुए थे।
कादर खान के बेटे
कादर के तीन बेटे शाहनवाज सरफराज और अब्दुल है। कादर खान के सबसे बड़े बेटे अब्दुल अब कनाडा में ही रहते है। स्कूल के दिनों में अब्दुल को उनके दोस्त उनके पिता कादर खान के नाम से काफी छेड़ा करते थे। यही वजह रही की कादर ने फिल्मों में विलेन के किरदार निभाना शुरू कर दिया था।
कादर खान का जन्म
सोहराब मोदी की फिल्म पुकार 22 अक्टूबर 1942 को रिलीज हुई थी। यही वो दिन था जब कादर खान का जन्म हुआ था। कादर खान का जन्म काबुल में हुआ था। लेकिन उस समय काबुल में लोग तारीख के बारे में नहीं जानते थे। लेकिन कादर को ये पता था की वे सोहराब मोदी की पुकार की रिलीज के दिन पैदा हुए थे।
बुजुर्ग ने इनाम में दिए थे 100 रुपए
शुरुआत में कादर खान स्टेज पर एक्टिंग किया करते थे। एक बार एक बुजुर्ग ने उनकी एक्टिंग देखकर उन्हें बतौर इनाम 100 रुपए दिए थे। बुजुर्ग ने कादर खान को रुपए देते समय कहा था की इसे संभालकर रखना क्योंकि ये तुम्हारे लिए एक सर्टिफिकेट है।
कादर खान ने मजबूरी में खर्च कर दिए वो 100 रुपए
कादर खान ने बुजुर्ग के कहे अनुसार बहुत उस 100 रुपए के नोट को बहुत समय तक संभालकर रखा। लेकिन उनके सामने ऐसी मजबूरी आ गई थी की उन्हें उस नोट को खर्च करना पड़ा। दरअसल उनके घर की हालत कुछ अच्छी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने घर का राशन लाने के लिए उन्होंने वो 100 रुपए खर्च कर दिए।
तीन भाइयों की बच्चों में ही हो गई थी मौत
एक इंटरव्यू में कादर खान ने बताया था की उनके तीन भाइयों शमसुर हबीबुर और फजहुर का निधन 8 साल की उम्र में हो गया था। कादर के ये तीनों भाई रहमान थे। क्योंकि उनके का पिता का नाम अब्दुल रहमान था। एक के बाद एक तीन भाइयों की मौत के बाद कादर का जन्म हुआ था।
काबुल से अफगानिस्तान होते हुए बंबई आए कादर खान
कादर के जन्म के समय उनकी मां को लगा की काबुल उनके बेटों के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में उनकी मां और पिता उन्हें लेकर कादर को काबुल से अफगानिस्तान होते हुए बम्बई लेकर आ गए। कादर ने अपने इंटरव्यू में कमाठीपुरा को बहुत गंदा इलाका बताया था।
फिल्मी करियर
कादर खान ने साल 1973 में आई फिल्म दाग से अपना करियर शुरू किया था। जिसके बाद उन्होंने अदालत, परवरिश दो और दो पांच याराना खून का कर्ज दिल ही तो है कुली नंबर 1 तेरा जादू चल गया और किल दिल जैसी फिल्मों में काम किया था।
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