बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता और लेखक कादर खान का 81 साल की उम्र में निधन हो गया। बता दें कि कादर खान काफी समय से बीमारी से ग्रसित थे और उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बाद उन्हें कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ और 31 दिसंबर को कादर खान का निधन हो गया।
कादर खान ने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया। इसके साथ ही उन्होंने ढाई सौ से ज्यादा फिल्मों के संवाद लिखे। कादर खान ने लगभग 5 दशकों तक अपने अभिनय से लोगों का मनोरंजन किया। आज हम आपको कादर खान के 5 सबसे बेहतरीन डायलॉग्स के बारे में बताने वाले हैं।
मुकद्दर का सिकंदर
इस फिल्म में कादर खान द्वारा बोला गया डायलॉग ''सुख तो बेवफा है आता है जाता है, दुख ही अपना साथी है, अपने साथ रहता है। दुख को अपना ले तब तक़दीर तेरे कदमों में होगी और तू मुकद्दर का सिकंदर होगा।'' लोगों को बहुत पसंद आया था और य फिल्म भी दर्शकों ने काफी पसंद की थी।
बाप नंबरी बेटा दस नंबरी
इस फिल्म में कादर खान कॉमेडी किरदार निभाया और इस फिल्म का डायलॉग ''तुम्हें बख्शीश कहां से दूं। मेरी गरीबी का तो यह हाल है कि किसी फकीर की अर्थी को भी कंधा दूं तो अपनी इंसल्ट मानकर अर्थी से कूद जाता है।'' लोगों ने बहुत ज्यादा पसंद किया था।
कुली
फिल्म कुली में कादर खान के साथ अमिताभ बच्चन भी मुख्य भूमिका में नजर आए थे। इस फिल्म में कादर खान द्वारा बोला गया डायलॉग ''बचपन से सर पर अल्लाह का हाथ और अल्लाहरख्खा है अपने साथ, बाजू पर 786 का है बिल्ला, 20 नंबर की बीड़ी पीता हूं और नाम है 'इकबाल'। बहुत ही बेहतरीन था।''
शहंशाह
इस फिल्म में कादर खान और अमिताभ बच्चन के अभिनय की लोगों ने बहुत तारीफ की। कादर खान का डायलॉग ''दुनिया की कोई जगह इतनी दूर नहीं है, जहां जुर्म के पांव में कानून अपनी फौलादी जंजीरें पहना ना सके।'' बहुत ही ज्यादा मशहूर है।
नसीब
ये फिल्म कादर खान के करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। इस फिल्म का डायलॉग ''अरे औरों के लिए गुनाह सही, हम पियें तो शबाब बनती है। अरे सौ गमों को निचाड़ने के बाद एक कतरा शराब बनती है। बहुत ही ज्यादा सुपरहिट हुआ।''
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