न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर कैंसर का एक दुर्लभ प्रकार है जिससे इरफान खान अभी जूझ रहे हैं। 51 वर्षीय अभिनेता इरफान खान ने बताया कि यदि इस बीमारी का जल्द इलाज नहीं होता है तो मरीज की जान बचाना लगभग असंभव हो जाता हैं। इसलिए जल्द से जल्द इरफान खान को विदेश के अच्छे अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
जाने से पहले इरफान खान ने अपने फ्रेंड्स और चाहने वालों को उनकी अच्छी सेहत की शुभकामनाएं देते रहने की गुजारिश की है। इरफान खान ने सबसे पहले 5 मार्च को अपने स्वास्थ्य की जानकारी मीडिया में दी थी और कहा था कि वह कोई दुर्लभ प्रकार के कैंसर से जूझ रहे हैं उस समय जांच की अंतिम निष्कर्ष सामने नहीं आई थी।
हाल में ही निर्देशक विशाल भारद्वाज की नई फिल्म की शूटिंग के लिए दीपिका पादुकोण और इरफान खान की शूटिंग होने वाली थी जिसे कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था। उस समय न्यूज़ में बस इतना ही आया था कि किरदारों की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह से फिल्म की शूटिंग कुछ समय के लिए स्थगित की गई है।
तो चलिए दोस्तों आज हम इस दुर्लभ प्रकार के कैंसर जिसे न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर कहते हैं उसकी जानकारी आपको देते हैं।
हमारे शरीर में कई प्रकार के एंडोक्राइन सिस्टम होते हैं जो कई प्रकार कोशिकाओं से बने होते हैं जो हमारे शरीर में हार्मोन उत्पन्न करने का कार्य करती है। हम आपको बता दें कि हार्मोन एक रासायनिक पदार्थ होती है जो शक्ति प्रणाली में प्रवेश करके पूरे शरीर के भाग में सर्कुलेट होती रहती है और कोशिकाओं को सक्रिय बनाए रखती हैं। इसके अलावा यह हमारे शरीर के अंगों या कोशिकाओं की गतिविधि पर प्रभाव छोड़ती है।क्या है यह न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर को जानने से पहले चलिए हम जान लेते हैं पहले की ट्यूमर किसे कहते हैं। आमतौर के भाषा में यदि बोला जाए तो ट्यूमर तब शुरू होता है जब स्वस्थ कोशिकाओं अपने नियंत्रण से बाहर हो कर बड़े पैमाने में विकसित होना शुरू हो जाती है उसे हम ट्यूमर कहते हैं। बाद में यह ट्यूमर कैंसर का रूप धारण कर लेता है जो घातक है। यदि समय रहते हैं इसका इलाज नहीं किया जाए तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। हालांकि ऐसे कई प्रकार के ट्यूमर है जिससे हमारे शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं होती है। इसलिए ट्यूमर की जांच समय रहते करा लेनी चाहिए। चलिए अब हम न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर की बात करते हैं।
हमारे शरीर में जिस कोशिकाओं से एंडोक्राइन सिस्टम बना है इन्हीं कोशिकाओं के अन्य यंत्रणा विधि ही न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर कहलाती है। न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर आमतौर पर हमारे शरीर में वहां बनता है जहां हार्मोन बनते हैं। ऐसे में ट्यूमर भी हो और मूंछ का निर्माण करने लगते हैं इस वजह से यह बीमारी और गंभीर हो जाती है।
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के कारण
फियोक्रोमोसाइटोमा, न्यूरो एंडोक्राइन किया एक टाइप है जिस से ज्यादातर लोग प्रभावित होते हैं।
- 40 साल से 60 की उम्र के बीच वाले लोगों में सबसे ज्यादा रूप से पाया जाता है।
- पुरुषों में यह बीमारी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है।
न्यूरो एंडोक्राइन के लक्षण
- न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर में मरीज में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत आमतौर से देखी गई है। इसके अलावा कई और लक्षण हैं जैसे बुखार, सिर दर्द, बहुत पसीना आना, थकान, कमजोरी, दिल की अनियमित होकर धड़कना आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
- इस बीमारी से जूझ रहे हैं मरीज में पेट दर्द, आंतों की दिक्कतें जैसे खाना डाइजेस्ट ना होना सीने की जलन खांसी छोटी सांस भूख ना लगने जैसी लक्षण भी देखे गए हैं। डायरिया गैस्ट्रिक अल्सर पैरों की सूजन खांसी आदि बीमारी भी न्यूरो एंडोक्राइन लक्षण हो सकती हैं।
- न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर हालांकि रेडिएशन थेरेपी से उपचार कीमोथेरेपी के द्वारा ठीक की जा सकती है। अन्य प्रकार के घातक ट्यूमर की तुलना में न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर धीरे-धीरे विकसित होता है।
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