बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता संजय दत्त के जीवन पर आधारित फिल्म संजू लोगों को काफी पसंद आ रहा है. संजय दत्त ने इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान अपने जीवन से जुड़ी कई बातें मीडिया में खुलकर बताएं. संजय दत्त ने कहा कि जेल में बिताए समय उनका अहंकार को तोड़ दिया और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिए गए इंटरव्यू में संजय दत्त ने बयान में कहा मेरे जेल में बिताए वे दिन किसी रोलर कॉस्टर की सवारी से कम नहीं थी. अगर मैं इस समय की पॉजिटिव साइड को देखूं तो इस समय ने मुझे बहुत कुछ सिखाया और मुझे एक बेहतर इंसान बनने में काफी मदद की.
उन्होंने बताया कि अपने परिवार और अपने चाहने वालों से दूर रहना एक चुनौती थी. उन दिनों वह अपने शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज किया करते थे. डंबल की जगह कचरे के डब्बे और मिट्टी के घड़ो का प्रयोग किया करते थे.
संजय दत्त ने बताया कि इस मुश्किल दौर में जेल के कैदी मेरे परिवार बन गए थे और जब मैं हार मान लेता था तो वो मुझे प्रोत्साहित भी किया करते थे. संजय दत्त ने बताया कि जेल में बिताए समय में मैंने बहुत कुछ सीखा उसने मेरा अहंकार तोड़ दिया.
जेल से छूटने के दिनों को याद करके संजय ने बताइए यह बातें
अतिम फैसले के बाद जेल से चोदने के बाद है वह दिन उनकी जिंदगी का सबसे अच्छा दिनों में से था. उन्होंने बताया कि उस दिन वो अपने पिता सुनील दत्त को याद कर रहे थे. उनकी इच्छा थी कि वो उन्हें आजाद हुआ देखें. उनके पिता उन्हें इस हालत में देख बेहद खुश होते.
दस्तों, किसी के जीवन में परिवार की अहमियत कितना होती है इस मुद्दे पर आप अपने विचार हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं. यदि आपको यह खबर पसंद आए तो लाइक और फॉलो करना ना भूलें. धन्यवाद
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